किलर व्हेल, जिसे ऑर्का (Orca) भी कहा जाता है, समुद्र में पाई जाने वाली सबसे बुद्धिमान और शक्तिशाली प्रजातियों में से एक है। यह वास्तव में व्हेल नहीं बल्कि डॉल्फिन परिवार (Delphinidae) का सबसे बड़ा सदस्य है। 

अपनी अद्भुत शिकार क्षमता, तेज गति और सामाजिक व्यवहार के कारण यह समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आइए जानते हैं किलर व्हेल से जुड़े कुछ खास और रोचक तथ्य।

सबसे बड़ी डॉल्फिन प्रजाति किलर व्हेल का वैज्ञानिक नाम Orcinus orca है। यह डॉल्फिन परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति होती है। एक वयस्क किलर व्हेल की लंबाई 7 से 9 मीटर तक हो सकती है और इसका वजन 3 से 6 टन तक होता है।

किलर व्हेल का शिकार किलर व्हेल को "समुद्र का भेड़िया" भी कहा जाता है क्योंकि यह झुंड में शिकार करती है। यह अपनी शिकार तकनीकों के लिए जानी जाती है और सील, मछलियाँ, स्क्विड, समुद्री पक्षी, और यहाँ तक कि अन्य व्हेल का भी शिकार कर सकती है। कुछ किलर व्हेल शार्क का भी शिकार करती हैं।

तैरने की स्पीड किलर व्हेल अपनी गति और ताकत के लिए जानी जाती है। यह 56 किमी/घंटा (34.8 मील प्रति घंटा) की रफ्तार से तैर सकती है, जो इसे समुद्र में सबसे तेज़ तैरने वाले स्तनधारियों में से एक बनाता है।

जटिल सामाजिक संरचना किलर व्हेल बहुत सामाजिक प्राणी होते हैं और ये छोटे-छोटे समूहों में रहते हैं, जिन्हें पॉड (Pod) कहा जाता है। एक पॉड में 5 से 40 व्हेल तक हो सकती हैं। ये अपने समूह के सदस्यों के साथ मिलकर शिकार करती हैं और उनकी देखभाल भी करती हैं।

संचार और बुद्धिमत्ता किलर व्हेल बहुत बुद्धिमान होती हैं और इनके पास संचार का एक विकसित तरीका होता है। ये क्लिक्स, सीटी और अन्य ध्वनियों का उपयोग करके आपस में संवाद करती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि हर पॉड की अपनी अलग "भाषा" होती है।

किलर व्हेल लंबी उम्र किलर व्हेल की औसत आयु काफी लंबी होती है। नर किलर व्हेल लगभग 50 साल तक जीवित रह सकते हैं, जबकि मादा किलर व्हेल 80 से 90 साल तक जी सकती हैं। कुछ मामलों में मादा किलर व्हेल 100 साल से अधिक भी जीवित रही हैं।

कहां पायी जाती है  किलर व्हेल को पृथ्वी के लगभग सभी महासागरों में देखा जा सकता है। ये आर्कटिक और अंटार्कटिक के ठंडे पानी से लेकर गर्म उष्णकटिबंधीय महासागरों तक हर जगह पाई जाती हैं।

इंसानों के लिए कोई खतरा  हालांकि इन्हें "किलर व्हेल" कहा जाता है, लेकिन ये जंगली अवस्था में इंसानों पर हमला नहीं करती हैं। अब तक कोई भी ऐसा मामला दर्ज नहीं हुआ है जिसमें जंगली किलर व्हेल ने किसी इंसान को नुकसान पहुंचाया हो।

किलर व्हेल की पहचान  हर किलर व्हेल की पहचान उसके पीठ के पंख (Dorsal Fin) और शरीर के काले-सफेद पैटर्न से की जा सकती है। वैज्ञानिक इन्हीं विशेषताओं के आधार पर विभिन्न किलर व्हेल की पहचान करते हैं।

किलर व्हेल समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये महासागरों में शीर्ष शिकारी (Apex Predator) हैं और खाद्य श्रृंखला को संतुलित रखती हैं।