चाँद का अपना प्रकाश नहीं होता: चाँद खुद से रोशनी नहीं देता। जो रोशनी हम चाँद में देखते हैं, वह सूरज की रोशनी होती है जो चाँद की सतह से परावर्तित होती है। इसलिए चाँद की "रोशनी" केवल सूरज की रोशनी का परावर्तन है, न कि चाँद का अपना प्रकाश।

चाँद पर वायुमंडल नहीं है: चाँद पर कोई हवा(वायुमंडल) नहीं है। इसलिए वहाँ कोई आवाज नहीं होती और न ही कोई मौसम की स्थिति (जैसे बारिश या हवा चलना)। चाँद पर आपको बिलकुल शांति मिलेगी, लेकिन वहाँ हवा भी नहीं होगी!

चाँद पर ज्वार आते हैं: चाँद का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के पानी को अपनी ओर खींचता है, जिससे पृथ्वी पर ज्वार (लहरें) आती हैं। जब चाँद पृथ्वी के पास होता है, तो ज्वार काफी ऊँचे होते हैं, और जब वह दूर होता है, तो ज्वार कम होते हैं।

चाँद पर कई क्रेटर हैं: चाँद की सतह पर कई बड़े क्रेटर हैं, जो उल्का पिंडों और ऐस्टेरॉयड्स के टकराने से बने हैं। इन क्रेटरों के कारण चाँद की सतह ऊबड़-खाबड़ और असमान दिखती है। और ये क्रेटर पुराने हैं, इसलिए चाँद की सतह बहुत पुरानी और सफेद दिखती है।

चाँद पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से कम है: चाँद पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से 1/6 है। इसका मतलब है कि अगर आपका वजन पृथ्वी पर60 किलो है, तो चाँद पर आपका वजन केवल 10 किलो होगा! इसलिए वहाँ चलना और कूदना अधिक आसान होता है।

चाँद पर रात के समय बहुत ठंडा होता है: चाँद का तापमान दिन के समय बहुत अधिक होता है(50°C से 100°C तक), लेकिन रात के समय, जब सूरज की रोशनी नहीं पड़ती, तो तापमान -173°C तक गिर सकता है। इसलिए, चाँद पर तापमान बहुत अत्यधिक होता है।

अगर चाँद नहीं होता, तो पृथ्वी की घूर्णन गति बहुत तेज होती और हमारे दिन और रात का समय बहुत छोटा होता। इससे पृथ्वी का वातावरण इतना स्थिर नहीं रहता, जिससे जीवन का अस्तित्व मुश्किल हो सकता था। 

चाँद का आकार पृथ्वी से बहुत छोटा है: चाँद का व्यास पृथ्वी से लगभग 1/4 है। इसका मतलब है कि चाँद पृथ्वी से काफी छोटा है, लेकिन फिर भी यह इतना बड़ा लगता है क्योंकि यह पृथ्वी के काफी पास है।

चाँद पर पहली बार इंसान गया: 20 जुलाई1969 को, नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन NASA के अपोलो 11 मिशन के माध्यम से चाँद पर गए थे। नील आर्मस्ट्रांग ने चाँद पर पहला कदम रखा और कहा, "That's one small step for man, one giant leap for mankind."

चाँद पर कोई पारिस्थितिकी तंत्र या जीवन नहीं है। वहाँ कोई पौधे, जानवर, या कोई भी जीवित प्राणी नहीं हैं। वहाँ केवल धूल, चट्टानें और क्रेटर हैं।