पफरफिश (Puffer fish) एक अद्भुत और दिलचस्प मछली है, जो कई तरह के गुणों के लिए जानी जाती है। यहाँ पफरफिश के बारे में 10 अजीबों गरीब तथ्यों के बारे में जानेगें। 

जहर से भरी होती है  पफरफिश (puffer fish) के शरीर में टेट्रोडोटॉक्सिन नामक एक खतरनाक जहर होता है, जो बहुत शक्तिशाली है और इंसान के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। 

इसका जहर फुगू(Pufferfish) में विभिन्न अंगों में पाया जाता है, खासकर उसके लीवर, अंडकोष और आंतों में। 

 फुलाने की क्षमता जब पफरफिश (puffer fish)  को खतरा महसूस होता है, तो वह अपने शरीर को हवा से भरकर बहुत बड़ा बना लेती है। यह एक प्रकार की सुरक्षा रणनीति होती है, ताकि शिकारी उसे निगलने से डरें।

 शाकाहारी मछली पफरफिश (puffer fish)  मुख्य रूप से शाकाहारी होती है और समुद्री घास, शैवाल और छोटे जीवों का आहार करती है।

 पफरफिश (puffer fish)  को जापान में "फुगू" नाम से जाना जाता है, और यह एक प्रसिद्ध और महंगा व्यंजन है। इसे खाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित शेफ की जरूरत होती है, क्योंकि जहर को सही तरीके से हटाना जरूरी होता है।

1. जहर का इस्तेमाल इलाज में हालांकि पफरफिश  (puffer fish)  का जहर खतरनाक है, परंतु इसे कुछ मेडिकल स्थितियों के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है। इसे सर्जरी और दर्द निवारक दवाओं में प्रयोग किया जाता है।

 पफरफिश (puffer fish)  का आकार बहुत छोटा होता है, लेकिन इसका जहर इतना शक्तिशाली होता है कि सिर्फ एक मछली से सैकड़ों इंसानों को मारने के लिए पर्याप्त जहर हो सकता है।

कमजोर दृष्टि पफरफिश  (puffer fish)  की दृष्टि अपेक्षाकृत कमजोर होती है, और यह अपनी भावना और गंध के जरिए अपने वातावरण को महसूस करती है।

 शिकार पफरफिश  (puffer fish)  प्राकृतिक रूप से अपने दुश्मनों से बचने के लिए अपनी फुलाने की क्षमता का इस्तेमाल करती है। इसके अलावा, इसकी त्वचा पर विशेष प्रकार के विषाक्त पदार्थ होते हैं जो शिकारी को दूर रखने में मदद करते हैं।

विविध प्रजातियाँ पफरफिश (puffer fish)  की लगभग120 विभिन्न प्रजातियाँ होती हैं, जो विभिन्न समुद्रों और महासागरों में पाई जाती हैं।

 पफरफिश (puffer fish)  का शरीर विशेष प्रकार के प्रोटीन से बना होता है, जिससे उसका आकार फैलाने में मदद मिलती है। यह शरीर की संरचना उसे अपने आकार को बदलने में बेहद कुशल बनाती है।

 लंबी उम्र पफरफिश (puffer fish)  कुछ सालों तक जीवित रह सकती है, और समुद्र में उनका जीवनकाल आमतौर पर 10 से15 साल के बीच होता है।