इसरो ने चन्द्रयान-3 को श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई 2023 की दोपहर 2:35 बजे लांच किया था। जिसको 23 अगस्त को फाइनल चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव में साफ्ट लैंडिंग किया जायेगा।
LVM-3 Rocket जो चन्द्रयान-3 को लेकर पृथ्वी के कक्षा में छोड़ने का काम करता है। लेकिन फिर दोबारा पृथ्वी पर नहीं आ पाता है। वहीं अंतरिक्ष में उड़ता रहता है।
अगर बात करें LVM-3 Rocket की स्पीड की तो यह लगभग 36000 किमी. प्रति घंटा होती है और यह लगभग 3895 किलोग्राम का भार लेकर उड़ सकता है।
रूस का लूना-25 भी चांद मिशन पर गया था लेकिन तकनीकि खराबी होने के कारण वह अपने मिशन से भटक गया है। वैज्ञानिक उससे संपर्क साधने का प्रयास कर रहे हैं।
Chandrayaan-3 Mission के अन्दर विक्रम लैण्डर और प्रज्ञान रोवर होते हैं जिनका काम है चांद में होने वाले घटनायें वहां की मिट्टी, पहाड़, पानी आदि की सूचना भेजना।
विक्रम लैण्डर 23 अगस्त को उतरने से पहले वह अपने सेंसर्स की मदद से एक अच्छी जगह की तलाश कर रहा है। क्योंकि चांद पर गढ्ढ़े बहुत हैं।
विक्रम लैण्डर और प्रज्ञान रोवर दोनो अलग हैं विक्रम लैण्डर एक स्थान पर स्थित हो जाता है लेकिन प्रज्ञान रोवर एक गाड़ी नुमा होती है जिसका काम घूम-घूम कर सूचना देना होता है।
बात करें Launch Vehicle Mark-3 (LVM-3 Rocket) एक उड़ान की तो इसमें लगभग 500 करोड़ का खर्चा एक बार (Launch) में होता है।