Chandrayaan-3 launch mission news in hindi : चन्द्रयान 3 (Chandrayaan-3) को श्रीहरिकोटा आंध्रपेदश से 14 जुलाई 2023 की दोपहर 2:35 बजे लांचिंग हुयी थी। पृथ्वी से दूर जाने के बाद 16.15 मिनट बाद लांच व्हीकल मॉड्यूल 3 यानी LVM-3 Rocket चन्द्रयान 3 से अलग हो गया था। उसके बाद चन्द्रयान 3 ने अपना सफर चांद तक अकेले ही तय कर रहा है। जिसको 23 अगस्त 2023 को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव में उतरना है।
चन्द्रयान 3 लांच मिशन के बारे में (Chandrayaan-3 Launch Mission)
चन्द्रयान 3 (Chandrayaan-3 Mission) के बारे में पूरा जानकारी देने का प्रयास करेंगे। जैसा कि आपको पता है भारतीय स्पेस इजेंसी ने चन्द्रयान 3 लांच कर दिया है जो इस समय चांद के नजदीक पहुंच गया है। चंद्रमा से अब ज्यादा दूर नहीं हैं चन्द्रयान। 18 अगस्त को अंतरिक्ष यान का लैण्डर मॉड्यूल अब चन्द्रमा की सतह से मात्र 157 किलोमीटर दूर है। इसरो ने बताया कि चन्द्र माड्यूल ने अपनी पहली डिब्यूस्टिंग से गुजरने के बाद अपनी कक्षा को 113 किमी. X 157 किमी की दूरी पर पहुंच गया है।
LVM-3 Rocket (लांच व्हीकल मॉड्यूल-3 रॉकेट ) के बारे में
LVM-3 Rocket जो चन्द्रयान 3 को लेकर पृथ्वी के कक्षा में छोड़ने का काम करता है। अगर बात करें LVM-3 Rocket की स्पीड की तो यह लगभग 36000 किमी. प्रति घंटा होती है। अगर हम बात करें इसके लेने जाने वाले वजन की तो यह लगभग 3895 किलोग्राम का भार लेकर उड़ सकता है।
Chandrayaan-3 Mission पहुंचा चन्द्रमा के नजदीक
Chandrayaan-3 Mission जिसका आज यानि 20 अगस्त 2023 को 2 बजे दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन होगा। इसके बाद धीरे-धीरे मॉड्यूल को चन्द्रमा की कक्षा में उतारा जायेगा। अब वह मात्र 25 किमी. X 135 किमी की ऑर्बिट यानी कक्षा में होगा। यानि अब चद्रमा की सतह से विक्रम लैण्डर की दूरी मात्र 25 किलोमीटर ही बची है। उसके बाद 23 अगस्त को फाइनल चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव में साफ्ट लैंडिंग किया जायेगा।
चन्द्रयान 3 और लूना-25 लैडिंग Chandrayaan-3 and Luna-25 Landing
वहीं अगर बात की जाये तो रूस का लूना-25 भी चांद मिशन पर गया था लेकिन किसी तकनीकि खराबी होने के कारण वह अपने मिशन यानी रास्ते से भटक गया है। वैज्ञानिक अभी उससे संपर्क साधने में लगे हुये हैं। ऐसा कहा जा रहा था की लूना-25 भारत के चन्द्रयान-3 से पहले पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन अफसोस लूना-25 अपने चन्द्र मिशन से भटक गया है।
Chandrayaan-3 विक्रम लैंण्डर के बारे में (Vikram Lander ke bare me)
Chandrayaan-3 के विक्रम लैण्डर (Vikram Lander) ने 17 अगस्त 2023 को प्रोपल्शन मॉड्यूल को छोड़ दिया था और अपना दूसरा रास्ता पकड कर चांद के और नजदीक पहुंच गया। 18 अगस्त को विक्रम लैण्डर और प्रोपल्शन मॉड्यूल 113 किमी. X 157 किमी की दूरी पर पहुंच गया था। आज 20 अगस्त को विक्रम लैंण्डर चन्द्रमा के और नजदीक पहुंच जायेगा। जो चन्द्रमा से मात्र 25 किलोमीटर दूरी पर होगा।
Chandrayaan-3 विक्रम लैंण्डर कैसे उतरेगा (Vikram Lander Lading Process)
विक्रम लैंण्डर 23 अगस्त को उतरने से पहले वह अपने लिये एक अच्छी जगह की तलाश कर रहा हैै। विक्रम लैंण्डर में ऐसे सेंसर्स लगाये गये हैं जो अपनी सुविधा के हिसाब से अपनी जगह का चयन करेगा। क्योंकि चन्द्रमा में बहुत से ऐसे गढ्ढे है जो उतरते समय विक्रम लैंण्डर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अपने देखा होगा विक्रम लैंण्डर ने चन्द्रमा की कुछ फोटो पृथ्वी पर भेजी थी। जिसमें बहुत सारे क्रेटर यानी गढ्ढे नजर आ रहे थे। इसलिये विक्रम लैंण्डर अपनी सुविधा के मुताबिक अपनी सही जगह खोजकर वहां पर लैण्ड यानी उतरेगा।
Chandrayaan-3 प्रज्ञान रोवर क्या करता है (Pragyan Rover ke bare me)
चन्द्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद रोवर प्रज्ञान का बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। क्योंकि रोवर प्रज्ञान ही है जो चन्द्रमा की पूरी जानकारी हमें प्रदान करेगा। रोवर प्रज्ञान हमें वहां की मिट्टी, वातावरण व चांद पर पाये जाने वाले सभी भौतिक तत्वों का अध्ययन करके पृथ्वी पर समय-समय से भेजता रहेगा।