किसी इंसान या जानवर को किसी दूसरी ग्रह पर जीवित रहने के लिए क्या चाहिए जाहिर सी बात है, पानी, हवा, अच्छा वातावरण जहां पर हम जिंदा रह सकें भले ही उस ग्रह पर ऑक्सीजन हो या ना हो।

मंगल ग्रह यानि मार्श प्लेनेट पर ऑक्सीजन काफी कम मात्रा में है लेकिन हम उसका जुगाड़ बना लेंगे। लेकिन पानी के बिना वहां पर भेजे जाने वाले मिशन सब बेकार हो जाएंगे।

जीवन की खोज की इसी कड़ी में वैज्ञानिकों को दूसरे तारामंडल में एक ग्रह मिला है। जो बिल्कुल पृथ्वी की तरह दिखता है। जिसका नाम है K2-18B Planet तो चलिए जान लेते हैं।

नासा के साइंटिस्टों ने 120 प्रकाश वर्ष दूर एक बड़ा एक्सपो प्लेनेट के होने का ऐलान किया है। जहां पर पानी से बाप के बादल बन रहे हैं और वहां बरस भी रहे हैं।

यह खोज नासा के जेम्स वेब टेलिस्कोप की तरफ से की गई है। नासा की माने तो जो एक्सोप्लैनेट मिला है। वह पृथ्वी से लगभग 8.6 गुना बड़ा है। 

इस नई पृथ्वी में वातावरण की नई जांच में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड समेत कार्बन के प्रभाव वाले अणुओं की उपस्थिति का भी पता चला है। 

साल 2015 में नासा कि केपलर स्पीच टेलीस्कोप ने पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर एक ग्रह को खोजा था जो कि पृथ्वी से2 गुना बड़ा था और 8 गुना भारी था।

रिसर्च में पता चला कि वहां की नई पृथ्वी की जमीन पथरीली है और वहां पानी के बड़े और गहरे जल स्रोत हैं इस ग्रह का वजन पृथ्वी से 8.6 गुना ज्यादा है। 

इसलिए उम्मीद है कि इस पृथ्वी (K2-18B Planet) की गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी पृथ्वी की तुलना में ज्यादा है। वैज्ञानिकों की माने तो इसमें बहुत ज्यादा पानी की मात्रा है। 

फिलहाल यह पृथ्वी(K2-18B Planet) अभी अपनी तारे के हैबिटेबल जोन में चक्कर लगा रही है। यह ग्रह अपने तारे  K2-18 का चक्कर लगा रहा है जो कि रेड ड्वॉर्फ स्टार है।