जूँ यानि जूआं (Lice) जिसका नाम सुनते ही हमारे सिर में खुजली होनी शुरू हो जाती है। बचपन में आप में से कई लोगों को जूँ और लीख की समस्या का सामना करना पड़ा होगा। लेकिन जूं असल में इंसान के बालों में ही क्यों रहती हैं, और ये बालों में जीवित कैसे रहती हैं। जुओं को खत्म करना इतना मुश्किल क्यों होता है, जू आखिर सिर तक पहुंचती कैसे है और इसे कैसे हटाए जा सकता है? आज हम जुओं के जीवन चक्र से लेकर उससे संबंधित कई रोचक तथ्य आपको बताने वाले हैं, बस आप आखिर तक हमारे साथ बने रहे?
जूँ (Lice) सिर में कैसे पहुंचती है?
जूँ (Lice) को बहुत से लोग लीख भी कहते हैं लेकिन असल में दोनों बहुत अलग-अलग होते हैं। जूँ के अंडो और उनके बच्चों को लीख कहा जाता है, यदि किसी इंसान के बालों में जूँ हो जाए तो खुजली करते-करते उसका बड़ा बुरा हाल हो जाता है, वो रात को ठीक से सो नहीं पता है, उसके बालों से बदबू आने लगती है और अन्य लोग उससे दूरी बनाना शुरू कर देते हैं। जूँ असल में दो प्रकार की होती हैं। एक वो जो इंसानों और मेम्स के बालों में पायी जाती है और दूसरी पक्षियों की अन्य जीव जन्तु की बॉडी पर रहती हैं। जूँ का साइंटिफिक नाम फ्थिराप्टेरा है। बालों में पाये जाने वाले जीव को पैडीक्युलर ह्यूमंस कैपिटिस भी कहते हैं। आसन भाषा में इसे सकिंग लीख भी कहा जाता है यानी वो जो खून चुस्ती हैं। वही शरीर पर रहने वाली जूँ को बॉडी लाइस या फिर बैटिंग लाइस भी कहा जाता है। ये जूँ खून चूसने की बजाएं चपाती हैं। जूँ को परजीवी यानी की पैरासाइट भी कहा जाता है।
अब आप सोच रहे होंगे की भला कोई जूँ इंसान के शरीर तक कैसे पहुंच जाती है, तो दोस्तों कई तरीकों से जूँ बालों तक पहुंच शक्ति हैं। जो एक सिर से दूसरे सिर में बहुत तेजी से ट्रांसफर होती हैं, साथ में रहने से व सोने से समय बिताने से जूँ सिर तक पहुंच जाती हैं। जूँ वाले लोगों की चीजें, जैसे की तोलिया, कंघी या कपड़े इस्तेमाल करने से भी जो आपको अपना शिकार बना शक्ति है, इसके अलावा बालों में गंदगी रहने और साफ-सफाई पर ध्यान न देने के कारण भी जूँ की समस्या का सामना करना पड़ता है।
जूँ (Lice) कितने दिनों तक जीवित रहती है?
जूँ (Lice) का जीवन चक्र एक अंडे से शुरू होता है एक मादा जूँ दिन में 5 से 10 अंडे दे सकती है। ऐसे में आप अंदाज लगा सकते हैं, कि ये कितनी तेजी से फैलती हैं। जूँ का अंडा पीला या सफेद रंग का होता है और ये इतना छोटा होता है कि इसे आंखों से देखना काफी मुश्किल होता है। जूँ के अंडो को निड्स कहा जाता है, करीब एक हफ्ते के बाद जूँ के बच्चे अंडू से बाहर निकालना शुरू कर देते हैं। जूँ के बच्चों को निफ भी कहा जाता है और इनका रंग हल्का येलो होता है। पैदा होते ही जूँ के बच्चे खून चूसना शुरू कर देते हैं। करीब एक हफ्ते में बच्चे अपनी युवावस्था में पहुंच जाते हैं। ये लंबाई में 0.8 एमएम से लेकर 2 एमएम के बीच होते हैं और इनका डायमीटर 0.3 एमएम का होता है। इनका आकार ओवल होती है।
जूँ (Lice) जीवन चक्र करीब 30 दिनों का होता है, एक महिला के शरीर में जूँ 25 से 30 दिनों तक जीवित रह सकती है। तो वहीं पुरुषों में इनकी लाइफ स्पैन कम देखने को मिलती है। पुरुषों के सिर में जूँ आम तोर पर 20 दिनों तक जिंदा रह सकती है। जूँ जब इंसान का खून चुस्ती हैं, तो वह अपना सलाइवा खोपड़ी में इंजेक्ट करती रहती हैं और यही वजह है कि इंसान के शरीर में खून के थक्के यानी की क्लोटिंग नहीं होती, जूँ के पंजे काफी ज्यादा मजबूत होते हैं। इनके 6 पैर होते हैं, और इनकी पकड़ भी काफी ज्यादा मजबूत होती है, जूँ को बालों से निकालना इसलिए इतना मुश्किल होता है क्योंकि ये स्किन को बुरी तरह से जकड़े रहती हैं।
जूँ (Lice) आखिर बालों में ही क्यों रहती है?
आप शायद सोच रहे होंगे, कि जूँ बालों में ही क्यों रहती हैं। खून तो यह अन्य हिस्से से भी चूस सकती है। तो दोस्तों असल में जूँ गर्म हिस्सों में रहना ज्यादा पसंद करती हैं और गर्म जगह में ही ये तेजी से प्रजनन भी करती हैं। बालों के भीतर अधिकतर समय गर्माहट बनी रहती है और जितने घने बाल होंगे, उतनी ही तेजी से ये जूँ का विकास होगा।
ऐसा कहा जाता है की भारत में जूँ अमेरिका से आयी हैं लेकिन अमेरिका और अफ्रीका में आज जूँ की समस्या बहुत ही कम हो गई है। आपको जानकारी हैरानी होगी की एक बार अफ्रीका के कई हसन में जूँ की समस्या बहुत बाढ़ गई थी और इससे बचने के लिए, लोगों ने अपने सिरों में डीडीटी पाउडर लगाना शुरू कर दिया था जो एक प्रकार का पेस्टिसाइड होता है। सिर में पाये जाने वाले जूँ बालों के बाहर केवल एक या दो दिन तक ही जिंदा रह पाती हैं।
जूँ (Lice) की कितनी प्रजातियां हैं?
जूँ (Lice) की लगभग 532 प्रजातियां की खोज अब तक की जा चुकी है। एक बात और जानकर आपको हैरानी होगी की, जूँ 8 घंटा तक अपनी सांस रोक सकती हैं। ऐसे में यदि आप चाहे की कुछ देर तक सिर को पानी में डूबो कर रखें या फिर स्विमिंग पुल में रहने से आपके सिर की जूँ चली जाएगी, तो ये आपकी गलतफहमी है। जूँ की समस्या 5 से 15 साल के बच्चों में सबसे ज्यादा अधिक देखने को मिलती है। दिन भर स्कूल और अन्य बच्चों के साथ खेलने और मिलने के करण एक सिर से दूसरे सिर में जूँ आसानी से पहुंच जाती हैं इस उम्र में बच्चे खासतौर पर लड़कियां अपने बालों का भी ठीक से ध्यान नहीं रख पाती हैं और इसीलिए जूँ के निशाने पर आसानी से आ जाति हैं। जूँ को सिर से खत्म करना इतना आसन नहीं है जितना की लगता है।
जूँ यानि जुआं (Lice) से कैसे बचा जा सकता है?
आप चाहे अपने सिर को पानी में भिगो ले साबुन से धो लेने या फिर कुछ और तरीके अपना ले, ये आसानी से सिर से जाती नहीं है, जूँ होना कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह एक सामान्य सी प्रकिया है। साथ ही जूँ होने से इंसान के स्वास्थ्य पर भी ज्यादा असर देखने को नहीं मिलता। लेकिन जूँ होने के करण इंसान दिन भर बेचैन रहता है। उसके बालों में खुजली होती रहती है, वो रात को ठीक से सो नहीं पता है और उसके बालों में से बदबू भी आने लगती है जिसके सिर में जूँ होती हैं कोई भी उसके आसपास रहना या बैठना पसंद नहीं करता है। इसलिए सिर से इनको निकालना बहुत जरूरी है सिर से जूँ को निकालने के कई तरीके हैं एक तरीका जो आपकी मम्मी ने बचपन में जरूर अपनाया होगा वह है, कंघी से बाल बनाना, कंघी के दांत बहुत बारिक होते हैं और उनमें जूँ और लीख आसानी से फंस जाते हैं इसे जूँ निकालने का एक पारंपरिक तरीका भी कहा जा सकता है। कई दिनों तक रोजाना कुछ देर कंघी करने से जूँ की समस्या से काफी हद तक निजात पाया जा सकता है।
सिर से जूँ (Lice) की पूरी तरह से निकालने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, समय-समय पर अपने बालों को धोते रहे। बाल धोने के लिए आजकल बाजार में कई प्रकार के शैंपू और केमिकल्स आ गयें हैं। जिनकी सहायता से काफी जल्दी सिर के जूँ खत्म की जा सकती है। जूँ की समस्या से बचाने के लिए ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखें जिनके सिर में पहले से ही जूँ मौजूद है, खासतौर पर अपने बच्चों को इसके बारंे में जरूर बताएं, कि स्कूल में जूँ वाले बच्चों के साथ ना बैठे या उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखें।
सिर से जूँ (Lice) खत्म करने के लिए आप डॉक्टर की भी सलाह ले सकते हैं, कई बार जूँ के कारण बालों के अंदर सड़न होने लगती है, वो बास मारने लगता हैं, सिर में पिंपल्स और दाने भी निकाल आते हैं। यदि ऐसी कोई समस्या हो तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श लें। जूँ निकालने के लिए आप नीम के पेस्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ नीम की पत्तियां लें और उन्हें पीसकर पेस्ट बना लें । अब वो पेस्ट कुछ देर के लिए अपने सिर में लगाकर रखें और थोड़ी देर बाद शैंपू की मदद से बाल अच्छी तरह से वॉश कर लें। कुछ दिन तक ऐसा करने से जूँ से निजात मिल जाएगी।