डोपामाइन क्या होता है- Dopamine kya hota hai?
Dopamine ke bare me : डोपामिन एक कैटाकोलामाइन केमिकल है मतलब यह एमाइंस केमिकल्स होते हैं जो कि खुद अमीनो एसिड सही बने हुए होते हैं। जो हमारे मस्तिष्क में होते हैं। एक बहुत ही महत्वपूर्ण केमिकल है हमारे शरीर में जिसका नाम है डोपामाइन, आप में से कई लोगों ने सुना ही होगा। डोपामिन हमारे शरीर में बहुत सारा काम करता है। यह जब भी हम कोई काम अपनी खुशी से करने लगते हैं। जिस काम को करने में हमें मजा आने लगता है। जैसे जब हम कोई म्यूजिक सुनते हैं, वह हमें अच्छा लगता है हम वह म्यूजिक बार-बार सुनना चाहते हैं यह होता है केवल एक स्पेशल केमिकल की वजह से जिसका नाम है डोपामिन। जब भी हमें सेक्सुअल फीलिंग आती है या जब भी हम मोटिवेटेड यानि उत्तेजित फील करते हैं, यह सब इसी डोपामिन के वजह से ही होता है।
डोपामाइन कैसे बनता है- Dopamine kaise banta hai?
हमारे मस्तिष्क में फिनाइललेनिन एक बहुत ही महत्वपूर्ण अमीनो एसिड होता है। जो आगे कन्वर्ट होकर टायरोसिन बनता है, टायरोसिन से आगे एल्डोपा बनता है और इसी एल्डोपा से आगे बहुत सारे क्रियाओं के कारण से यह डोपामिन केमिकल बनता है। यह डोपामिन केमिकल दरअसल हमारे शरीर में दो तरीके से काम कर सकता है या तो एक न्यूरोट्रांसमीटर की तरह हमारे ब्रेन में यह काम कर सकता है। जब न्यूरोट्रांसमीटर की तरफ ब्रेन में यह काम करेगा तो यह न्यूरो मॉडरेटर की तरह काम करेगा मतलब ब्रेन में बाकी के न्यूरोट्रांसमीटर वाली एक्टिविटी को यह या तो यह घटा सकता है या तो बढ़ा सकता है न्यूरोट्रांसमीटर की एक्टिविटी को मॉडरेटर करके या फिर यह हार्माेन की तरह काम कर सकता है हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम के अलावा पेरीफेरल टिशु में जैसे हमारे किडनी में पेनक्रियाज में और एड्रिनल ग्रंथि में भी इसका बहुत सारा रोल होता है।
डोपामाइन शरीर में कहां होता है- Dopamine body me kaha hota hai?
डोपामाइन का निर्माण हमारे शरीर मतिष्क में होता है। मतिष्क के कई सारे हिस्सों में और मतिष्क के अलावा भी यह नॉन सेंट्रल नर्वस सिस्टम वाले एरिया जैसे हमारे एड्रिनल ग्रंथि में और बाकी के कुछ जगहों पर भी इसका निर्माण होता है, पर वह बहुत ही मात्रा में होता है।
डोपामाइन क्या काम करता है- Dopamine kya kam karta hai?
डोपामाइन एक महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमिटर है, और यह मतिष्क में कई महत्वपूर्ण कार्यों को करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जैसे
डोपामीन उत्सुकता और आनंद की भावना को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब कोई पुरानी दिलचस्पियों को प्राप्त करता है, सफलता प्राप्त करता है, या कुछ प्रितिष्ठित करता है, तो उसके शरीर में डोपामीन का उत्पादन बढ़ जाता है, जिससे उसे आनंद मिलता है.
डोपामीन मानसिक स्वास्थ्य को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके स्तर की असंतुलन बीमारियों जैसे कि डिप्रेशन, स्किज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर विकार के साथ जुड़े संकेतों का कारण बन सकते हैं.
डोपामाइन कार्यक्षेत्र में मनोबल और उत्साह को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है, जिससे किसी कार्य में लगाव और संवाद में सुधार हो सकता है.
डोपामाइन शरीर की मोशन कंट्रोल और गतिशीलता को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसकी कमी पार्किंसन रोग जैसी बीमारियों के लक्षणों का कारण बन सकती है।
डोपामाइन की कमी से क्या होता है- Dopamine ki kami se kya hota hai?
डोपामाइन की कमी जब किसी व्यक्ति के शरीर में डोपामाइन की स्तर कम होता है, तो उसके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। यह ज्यादातर न्यूरोलॉजिक और प्साइकिएट्रिक बीमारियों के साथ जुड़ा होता है। यह कुछ लक्षण दिये गये हैः-
डोपामीन की कमी से आपकी मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और इससे चिंता, दुख, और उदासी हो सकती है।
डोपामाइन की कमी से मनोविकार जैसे कि डिप्रेशन और उत्साहहीनता हो सकते हैं।
डोपामाइन की कमी से व्यक्ति की स्थिरता में कमी हो सकती है और उन्हें चलने व हिलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। डोपामाइन की कमी से सोने की समस्यायें हो सकती हैं।
डोपामाइन आनंद और उत्सुकता को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए इसकी कमी से व्यक्ति में आनंद की कमी हो सकती है।