Five Eyes Alliance क्या है क्यों और कब बना, कितने देश हैं शामिल, क्या करती है?

Five Eyes Alliance news in hindi: भारत-कनाडा विवाद में फाइव आइज एलायंस की एंट्री, भारत को गलत साबित करने के लिए फाइव आइज की ओर देख रहा है कनाडा। क्योंकि फाइव आइज ही है जो खूफिया जानकारी एक दूसरे देश को शेयर करते हैं।

फाइव आइज एलायंस क्या है? (five eyes alliance kya hai)

फाइव आइज एलायंस (five eyes alliance) एक 5 देशों का समूह है। जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं। इस फाइव आइज एलायंस का काम खुफिया जानकारियों को एक-दूसरे से शेयर करना होता है। आखिर क्या है फाइव आइज एलायंस (five eyes alliance) जिस पर टिकी है दुनिया की नजर। दरअसल भारत और कनाडा विवाद को लेकर पूरी दुनिया में इन दिनों चर्चा हो रही है इन दोनों देशों पर सब की निगाहें लगी हुई है ताकि किसी भी तरह से इस विवाद को सुलझाया जा सके इस बीच अमेरिका ब्रिटेन जैसे फाइव आइज एलायंस ने कहा है कि कनाडा द्वारा भारत पर लगाए जा रहे हैं आरोपी की सही रूप से जांच होनी चाहिए फाइव आइज एलायंस एक महत्वपूर्ण एलायंस माना जाता रहा है कनाडा इन आरोपों को लगाने के बाद इस एलायंस की टिप्पणी का इंतजार कर रहा था तो आईए जानते हैं इस रिपोर्ट में क्या है फाइव आइज एलायंस और क्या है इसका मकसद और यह कैसे काम करता है, कब और क्यों बना था फाइव आइज एलायंस।

फाइव आइज एलायंस कब बना? (five eyes alliance kab bana)

द्वितीय विश्व के दौरान यूएस और यूके की खूफिया एजेंसी एक दूसरे से जानकारियां शेयर करते थे ताकि जल्द से जल्द इस युद्ध को रोका जा सके। इन दोनों देशों की खुफिया सहयोग ने द्वितीय विश्व युद्ध जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने 1946 के यूके इस समझौते को औपचारिक रूप दे दिया इस समझौते का दो बार विस्तार किया गया पहली बार 1948 में हुआ था जब कनाडा को शामिल किया गया, जबकि 1956 में दूसरी बार किया गया जब ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी इसके सदस्य बने फिर इस समझौते को नाम दिया गया फाइव आइज एलायंस।

फाइव आइज एलायंस क्या करती है? (five eyes alliance kya karta hai)

फाइव आइज एलायंस (five eyes alliance) के चार्टर के अनुसार पांचो देश अपनी अपनी खुफिया एजेंसी संचालित करती है उनके जो भी अहम जानकारी आती है जो दूसरे देश के काम आ सकती है वह जानकारी एक दूसरे से साझा करते हैं यह साझेदारी औपचारिक या अनौपचारिक तरीके से हो सकती है ताकि आने वाले खतरे से आसानी से निपटा जा सके, हालांकि अलग-अलग देश में खुफिया जानकारी को लेकर अलग-अलग नियम कानून है जिसकी वजह से जानकारियां शेयर करने में बाधा उत्पन्न होती है तो यह परिषद सदस्य आपस में सूचना साझा करने और सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

five eyes alliance kya kam karti hai
five eyes alliance kya kam karti hai

फाइव आइज एलायंस कैसी जानकारी देती है? (five eyes alliance kaisi jankari deti hai)

यह देश कौन-कौन से खुफिया जानकारियां आपस में साझा करते हैं इन पांचो देश की विभिन्न एजेंसियां मानव खुफिया सिग्नल इंटेलिजेंस सुरक्षा खुफिया हो, भू-स्थानिक खुफिया और रक्षा खुफिया जैसी जानकारियां साझा करती है, सिग्नल इंटेलिजेंस या सिग्नेट इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल और नेटवर्क जैसे संचार प्रणालियों जैसे मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट राडार और हथियार प्रणालियों को प्राप्त जानकारी भी शामिल है, इसमें भू-स्थानिक खुफिया या स्थान खुफिया उपग्रह छवियों और स्थान की जानकारी जैसे डाटा भी इससे संबंधित है और कल्पना और भू-स्थानिक जानकारी और सेवाओं के सभी पहलुओं को इसमें शामिल किया गया है।

फाइव आइज एलायंस में कितने देश हैं? (five eyes alliance me kitne desh hai)

फाइव आइज एलायंस (five eyes alliance) में कुल 5 देश शामिल हैं जो आपस में खूफिया जानकारी व इंटेलिजेंस को शेयर करते हैं उस पर काफी ज्यादा विचार विमर्श किया जाता है। जिसमें पहला देश अमेरिका है जो सबसे ज्यादा खुफिया इनफॉरमेशन प्रोवाइड करता है। उसके बाद ब्रिटेन है और उसके बाद कनाडा है, फिर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड जो फाइव आइज एलायंस के मुख्य देश हैं।

इसके अलावा एक बात और चार्ली चौपलिन नेल्सन मंडेला, प्रिंसेस डायना को भी ट्रैक किया था इसी संगठन ने उन पर नजर रखी थी उनकी हर एक इनफॉरमेशन इस संगठन के पास हमेशा रहती थी। ज्यादातर इंटेलिजेंस इनफॉरमेशन अमेरिका देता था।

फाइव आइज एलायंस में नये देश कौन-कौन जोड़े जायेंगे? (five eyes alliance me kaun kaun naye desh jode jayenge)

इस फाइव आइज एलायंस (five eyes alliance) में नए चेंज लाने की भी सलाह दी जा रही है अब वह नए चेंज क्या है वह यह है कि इसमें चार और देश भी शामिल किया जा सकते हैं जिसमें हमारा भारत भी शामिल हो सकता है जापान, नॉर्थ कोरिया और जर्मनी इस गठबंधन को और ज्यादा पावरफुल करने के लिए सक्सेसफुल बनाने के लिए इसमें चार देश और भी शामिल किया जा सकते

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