Jasprit Bumrah ke bare me दुनिया में ऐसे लोग बड़ा जल्दी सफल होते हैं जो छोटी से उम्र में ही अपने जीवन जीने का रास्ता खुद चुनते हैं। पर ये सब करना आसान नहीं होता है, लेकिन ऐसे काम जुनूनी और सौखिया इंसान ही कर सकते हैं। कुछ ऐसे ही जुनूनी इंसान भारतीय क्रिकेट टीम के नए बोलिंग हीरो जसप्रीत बुमरा है। जिसके बारे में आज हम बात करेंगे।
जसप्रीत बुमराह का संक्षिप्त जीवन परिचय – Jasprit Bumrah ki biography
जसप्रीत बुमराह का जन्म अहमदाबाद गुजरात के सिख परिवार में हुआ था। उनके स्वर्गीय पिता जसवीर सिंह बमराह एक बड़े बिजनेसमैन थे। जो एक केमिकल फैक्ट्री चलाया करते थे और मां दलजीत कौर निर्माण हाई स्कूल अहमदाबाद की प्रिंसिपल है। परिवार में जसप्रीत के अलावा एक बड़ी बहन जुहीका कौर भी है। जिनका 2016 के शुरुआत में ही विवाह हो चुका है।
जब जसप्रीत 8 साल के थे तब उनके पिता एक बीमारी के कारण उनका देहांत हो गया। जिसके बाद पूरे परिवार का भार उनकी मां पर आ गया था। जिसे वह अब तक बखूबी अच्छी तरह से निभाती आयी हैं। वैसे उनकी प्रारंभिक शिक्षा उसे स्कूल में हुई, जहां उनकी मां प्रिंसिपल थी फिर भी वह पढ़ाई के बजाय क्रिकेट को ज्यादा चाहते थे जब वह 12 साल के हुए तो वह समझने लगे कि उनका यह क्रिकेटिंग जुनून एक सपना है, ना कि एक शौक। इसलिए वह अपनी बोलिंग को लेकर गंभीर हो चुके थे। दिन-रात घर हो या पड़ोस, स्कूल हो या क्लब सड़क हो या गली, जहां भी उन्हें थोड़ा सा भी समय मिलता वहीं पर अपना बोल निकाल कर शुरू हो जाते थे।
ऐसी घटना को याद करते हुए जसप्रीत की मां दलबीर कौर बताती हैं गर्मी का मौसम था मैं थोड़ा सा आराम कर रही थी। जसप्रीत बॉलिंग प्रैक्टिस कर रहा था बॉल उसके हाथ से निकलती दीवार से टकराती और फिर उनके हाथ में आ जाती। पर इसके बोल के टकराने की आवाज में परेशान हो रही थी। मैं उसे बाहर भी नहीं भेज सकती क्योंकि चिल्लाती धूप की धूप पर थी। इसलिए मैंने कहा कि जसप्रीत आवाज करना बंद करो अगर बॉलिंग प्रैक्टिस करनी है तो तुम्हें बिना आवाज के करना होगा। दलवीर आगे बताती हैं जसप्रीत नहीं रुके बल्कि अब वह बॉल को दीवार को फर्स के जॉइंट के पास टकराने लगे जहां बेहद कम आवाज होता।
अन्य बच्चों की तरह जसप्रीत भी शुरुआत में किसी फेमस बॉलर के एक्शन की कॉपी किया करते थे। पर धीरे-धीरे उनका खुद का बॉलिंग एक्शन बन गया। जो अब तक बरकरार है। जब जसप्रीत 14 साल के हुए तो उन्होंने विश्वास होने लगा कि वह एक अच्छा बॉलर बन सकते हैं। इसलिए उन्होंने जल्दी अपनी मां को अपने सपनों के बारे में बताया। पर मां चाह कर भी उन्हें मना नहीं कर पाई क्योंकि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अपने स्कूल में बच्चों को बताया था कि सबके पास कुछ बनने या करने का सपना होना चाहिए। जिसको सपोर्ट करना हर पेरेंट्स का कर्तव्य होता है।
जसप्रीत बुमराह की संघर्ष भरी कहानी- Jasprit Bumrah ki Struggle Story
अब जसप्रीत एक शेड्यूल जीवन जी रहे थे सुबह होते ही बॉलिंग प्रैक्टिस के लिए घर से निकलते और स्कूल पूरा करने के बाद शाम में बॉलिंग ट्रेनिंग के लिए चले जाते थे इस तरह लगातार बोलिंग ट्रेनिंग और प्रैक्टिस के बदौलत हुए अपने क्षेत्र के प्रभावशाली बॉलर बन चुके थे जिस कारण उन्हें गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित कैंपों में बॉलिंग ट्रेनिंग के लिए बुलाए जाने लगा। जल्दी हुए उन कैंपों में टॉप साबित हुये।
अब जसप्रीत घरेलू बोलेरो में काफी पॉप्युलर हो चुके थे इसलिए उन पर एमआरएफ बेस फाउंडेशन की नजर पड़ी। यहां ये वही बोलिंग ट्रेनिंग की संस्था है जहां जैसे दुनिया के बेहतरीन बॉलर भारतीय बॉलर्स तैयार किये जाते हैं। अब वह इस संस्था में बॉलिंग की ट्रेनिंग लेने लगे और कुछ समय के बाद जसप्रीत बुमराह को जल्दी गुजरात अंडर-19 टीम में सेलेक्ट कर लिया गया।
अगला मैच बैटिंग फ्रेंडली पिच वाले राजकोट में था इसके बावजूद उन्होंने धमाल मचाते हुए पहले ही मैच में 7 विकेट लेकर बैट्समैनों की नींद हराम कर दिया। स्वभाव से शांत जसप्रीत ने अपने एहसास और हौसलों से हर मुसीबत पर विजय पाई और अपने जुनूनी सपनों को साकार किया। यही कारण था कि अब तक उन्हें जितने भी मौके मिले सब में वह खरा उतरने में कामयाब रहे। जिसका सुनहरा पल उन्हें जल्द ही मिला।
जब वह पुणे में टी-20 का मैच में खेल रहे थे तब वहां भारत के पूर्व कोच और मुंबई इंडियंस के मेंटल जॉन राइट मौजूद थे इस मैच में हुए अपना पिछला प्रदर्शन दोहरा नहीं सके, पर फिर भी वह अपने बेहतरीन 6.58 रन रेट से जॉन राइट को इंप्रेस करने में सफल रहे है। पर उस वक्त जॉन राइट ना ही उनसे मिले और ना ही उनके बारे में कुछ कहा। पर कुछ दिनों बाद जसप्रीत को मुंबई इंडियन से कॉल आया। उन्होंने बिना एक क्षण गवाये उस ऑफर को स्वीकार किया और मुंबई इंडियंस के होम में जा पहुंचे।
यहां आकर पहली बार सचिन तेंदुलकर जैसे स्टार से मिले मुंबई इंडियन होम में आकर जसप्रीत को मलिंगा और जोंन्सन से बहुत कुछ सीखने को मिला। कुछ दिनों बाद 2013 का सीजन स्टार्ट हुआ और जसप्रीत बुमराह रॉयल चौलेंजर बेंगलुरु के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला। इस डेब्यू मैच में जब वह बॉलिंग करने आए तो उनका सामना इंडियन बैटिंग स्टार विराट कोहली से हुआ विराट ने उनको शुरुआती बोलो पर लगातार 3 चौके लगाए तब सचिन उसके पास आए जो मेड ऑफ पर फील्डिंग कर रहे थे और कहां चिंता मत करो एक अच्छा बोल डालो तुम्हारा किस्मत बदल जाएगा। ठीक यही हुआ अगली ही बॉल में विराट कोहली को आउट कर सनसनी फैला दिया।
इसके बाद 3 विकेट लेकर वह डेब्यू मैच में छा गए। प्रैक्टिस के दौरान दुनिया के बेहतरीन बोलरो द्वारा डाली गई यार्कर बॉल को लैपटॉप को देखते और सीखने की कोशिश करते हैं। एक महीने के लगातार मेहनत के बाद उनका यार्कर बॉल पहले से ज्यादा घातक हो गया। बरहाल आईसीसी में अच्छे परफॉर्मेंस के कारण जसप्रीत बुमराह को गुजरात की ओर से लिस्ट ए फर्स्ट क्लास और टी-20 मैच में डेब्यू करने का मौका मिला जहां उन्होंने अच्छा खासा विकेट लेकर शानदार डेब्यू किया।
उनकी डेब्यू की खास बात रही है उनका रन रेट किसी भी मैच में 5 से ज्यादा नहीं रहा। शानदार डेब्यू के बाद 2014 में हुए घुटने के दर्द से परेशान रहे। दरअसल दिलीप ट्रॉफी के एक मैच में उनके घुटने में गंभीर चोट आ गई । जिससे उन्हें अपने घुटनों की सर्जरी करवाना पड़ा और वह इस एक्सीडेंट से कुछ समय के लिए टूट चुके थे। वह डर रहे थे कि कहीं मेरा कैरियर बर्बाद ना हो जाए। कुछ महीने के बाद डिस्चार्ज हुए और अपनी फिटनेस और बोलिंग फॉर्म पाने के लिए कड़ी मेहनत करने लगे। करीब साल के अंत में वह अपनी पुरानी लय को पाने में सफल रहे।
उनके ट्रेनर उत्साहित होते हुए कहते हैं जसप्रीत जब पहले से ज्यादा तेज और गुडलेंथ की बॉल भेकते हैं। ट्रेनिंग के दौरान जसप्रीत बुमराह में एक अलग बात देखी गई कि चाहे वह मूड में हो या ना हो पर वह कभी प्रेक्टिस नहीं छोड़ते थे। खुद की बोलिंग का रिकॉर्डिंग देख उसमें कमियां खोजते थे और कमी मिलने पर उसमें हमेशा सुधार करने की कोशिश करते थे। इस तरह उनका 2015 का क्रिकेटिंग सीजन काफी सफल रहा। जिसमें वह गुजरात की ओर से रणजी मैच में सेकंड हाईएस्ट विकेट लेकर और दिलीप ट्रॉफी में नंबर वन विकेट टेकर रहे।
इसके साथ वह आईपीएल में भी अपना बेस्ट देने में सफल रहे। जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलिया में टूर के लिए भारतीय टीम का सिलेक्शन हुआ। जिसमें मोहम्मद शमी के रिप्लेसमेंट के तौर पर जसप्रीत बुमराह को चुना गया और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरूआत की।
जसप्रीत बुमराह का अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू मैच- Jasprit Bumrah Debut Match
वनडे डेब्यू मैच – 23 जनवरी 2016, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ
टी20 डेब्यू मैच – 26 जनवरी 2016, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ
टेस्ट डेब्यू मैच – 5 जनवरी 2018, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ
जसप्रीत बुमराह की कमाई – Jasprit Bumrah Ki Networth Kamayi
जसप्रीत बुमराह भले ही बचपन से कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा हो, परन्तु आज वह करोड़ों रूपये के मालिक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, जसप्रीत बुमराह की कुल नेटवर्थ लगभग 55 करोड़ रुपये की है।
बीसीसीआई सैलरी- 7 करोड़ रुपये
टेस्ट- 15 लाख रुपये एक मैच का
वनडे- 6 लाख रुपये एक मैच का
टी20- 3 लाख रुपये एक मैच का
आईपीएल 2023 – 12 करोड़ रुपये
जसप्रीत बुमराह के क्रिकेट रिकार्ड- Jasprit Bumrah ke Cricket Records
जसप्रीत बुमराह ने अपने क्रिकेट करियर में बहुत सारे रिकार्ड बनाये। अपने करियर में इन्होंने अच्छे अच्छे बल्लेबाजों को धराशाही किया कोई भी ऐसा बल्लेबाज नहीं बचा जिसको बुमराह ने ना प्रभावित किया हो। तो चलिये जान लेते हैं इनके रिकार्ड शुरूआत से लेकर अब तक के करियर में क्या क्या रिकार्ड रहे। इस रिकार्ड में हमने वन्डे क्रिकेट, टी20 क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट के रिकार्ड की जानकारी दी है।
Format | Match | Innings | Runs | Wickets | Best Bowling | Economy |
One Day Cricket | 85 | 84 | 3355 | 144 | 6/19 | 4.59 |
T20 Cricket | 62 | 61 | 1455 | 74 | 3/11 | 6.55 |
Test Cricket | 30 | 58 | 2815 | 128 | 9/86 | 2.69 |