Mahila Aarakshan Bill 2023 in Hindi : देश ने इतिहास रच दिया लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लोकसभा में ज्यादातर दलों का समर्थन मिला विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में केवल 2 मत ही पड़े।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा से विधायक पास होने के बाद ट्वीट किया की अभूतपूर्व समर्थन के साथ लोकसभा में बिल पारित होने पर खुशी हुई, उधर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के सचिव पद पर तैनात अवसरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के अफसर की तैनाती नहीं होने पर सवाल उठाया।
महिला आरक्षण बिल क्या है? (Mahila Aarakshan Bill kya hai)
अब आपको बताते हैं कि यह महिला आरक्षण बिल है क्या, दरअसल इस विधेयक में सांसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है महिला आरक्षण के लिए पेश किया गया विधेयक 128 वां संविधान संशोधन विधेयक है।
महिला आरक्षण बिल में महिलाओं की कितनी सीटें होंगी? ( Mahila Aarakshan Bill me kitni seats hogi)
आपको बता दें कि विधेयक में कहा गया कि लोकसभा राज्यों की विधानसभाओं और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र की विधानसभा में एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
हालांकि पांडिचेरी जैसे केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गई है यहां आपको बता दें कि लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में एससी और एसटी के लिए सीटें आरक्षित हैं इन आरक्षित सीटों में से एक तिहाई सीटें अब महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएगी इस समय लोकसभा की 131 सीटें एससी एसटी के लिए आरक्षित हैं महिला आरक्षण बिल के कानून बन जाने के बाद इनमें से 43 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
अब इसका मतलब यह हुआ कि महिलाओं के लिए आरक्षित 181 सीटों में से 138 सीटें ऐसी होंगी जो किसी भी जाति की महिला को उम्मीदवार बनाया जा सकेगा यानी इन सीटों पर उम्मीदवार पुरुष नहीं हो सकते यह गणना लोकसभा में सीटों की वर्तमान संख्या पर हुई है परिसीमन के बाद इसमें बदलाव हो सकते हैं। ये बिल लोकसभा और राज्यसभी दोनों में पास हो चुका है।
इसके बाद जनगणना के बाद परिसीमन की कवायत की जानी है परिसीमन में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या की आंकड़ों के आधार पर सीमाएं तय की जाती है जानकारी के लिए बता दें कि पिछला देशव्यापी परिसीमन 2002 में हुआ था इस 2008 में लागू किया गया था परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के भंग होने के बाद महिला आरक्षण प्रभावित हो सकता है प्रभावित होगा वर्तमान स्थिति ऐसी है कि 2026 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण का लागू होना संभव नहीं है।
महिला आरक्षण बिल कितने साल तक रहेगा? (Mahila aarakshan bill kitne year tak rahega)
यहां यह भी बता दें कि यह कानून बनने के बाद महिला आरक्षण केवल 15 सालों के लिए वैध होगा लेकिन सर्वाधिक को बढ़ाने का अधिकार संसद के पास सुरक्षित रहेगा यहां ध्यान दें कि एससी-एसटी के लिए आरक्षित सिम भी केवल सीमित अवधि के लिए ही थी लेकिन इसी एक बार में 10 साल तक के लिए बढ़ाया जाता है सरकार की ओर से पेश किए गए विधेयक में कहा गया कि परिसीमन की हर प्रक्रिया के बाद आरक्षित सीटों का रोटेशन होगा इसका विवरण सांसद बाद में निर्धारित करेगी।
महिला आरक्षण बिल कहां और कितने सीटें होंगी? (mahila aarakshan bill kaha aur kitni seats hogi)
यह संविधान के संशोधन सरकार को संसद और राज्य विधानसभा में महिलाओं की आरक्षण के लिए अधिकृत करने वाला है सीटों की रोटेशन और परिसीमन को निर्धारित करने के लिए एक अलग कानून और अधिसूचना की जरूरत होगी स्थानीय निकायों जैसे पंचायत और नगर पालिकाओं में भी एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं इनमें हर चुनाव में सीटों का आरक्षण बदलता रहेगा यानी कि रोटेशन होता है अनुसूचित जाति के लिए सीट किसी निर्वाचन क्षेत्र में उसकी आबादी के अनुपात में आरक्षित की जाती है।
राज्यों में कैसे होंगी सीटें आरक्षित (mahila aarakshan bill kis rajya me kitni seat hogi)
अब आपको बताते हैं कि छोटे राज्यों में कैसे की जाएगी सीटें आरक्षित, अभी यह साफ नहीं हुआ कि लद्दाख पुडुचेरी और चंडीगढ़ जैसे केंद्र शासित राज्य जहां लोकसभा की केवल एक-एक सीट हैं वहां सीट कैसे आरक्षित की जाएगी।
वहीं उत्तर पूर्व की कुछ राज्यों जैसे कि मणिपुर आज त्रिपुरा में दो-दो सीटें हैं जबकि नागालैंड में लोकसभा की एक ही सीट है हालांकि पिछले महिला आरक्षण विधेयक में इस मामले को निपटा लिया गया था साल 2010 में राज्यसभा की ओर से पारित किए गए विधायक में कहा गया था कि जिन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में केवल एक सीट है वहां एक लोकसभा चुनाव में वह सेट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी और अगले दो चुनाव में वह सीट आरक्षित नहीं होगी वहीं दो सीटों वाले राज्यों में दो लोकसभा चुनाव में एक सीट आरक्षित होगी जबकि तीसरे चुनाव में महिलाओं के लिए कोई सी आरक्षित नहीं रहने वाली उम्मीद करते हैं कि आपने महिला आरक्षण बिलकुल आसानी से समझ लिया होगा