द् वैक्सीन वार मूवी के बारे में- The Vaccine War Movie ke bare me
The Vaccine War Movie review in hindi : द् वैक्सीन वार की कहानी पैंडेमिक काल के दोनों पहलुओं को दिखाने का काम करती है। द् वैक्सीन वार में उसे नेगेटिविटी को हटाकर वह दिखने की कोशिश की गई है जिसके बारे में आम लोगों ने सिर्फ सुना लेकिन उसके पीछे के प्रक्रिया को नहीं जान सके। द् वैक्सीन वार भारत में वैक्सीन बनने के पीछे की कहानी को दिखाती है। इस तरह की फिल्मों में स्क्रिप्टिंग से भी पहले एक सबसे इंपॉर्टेंट प्रक्रिया होती है। वह है, रिसर्च रिसर्च के साथ कंप्रोमाइज हुआ तो समझो फिल्म की आत्मा ही मर गई। इसलिए सही प्रकार से इस बात की गहराई में घुसना कि यह सब कुछ कैसे घटा, इसे बनाने के पीछे किन छोटी-बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा ऐसा हुआ तो क्यों हुआ। वैसा हुआ तो उसके पीछे क्या रीज़न था। इस फिल्म के बाकी टेक्निकल एस्पेक्ट्स पर आने से पहले मैं रिसर्च पर ही बात करना चाहूंगा।
द् वैक्सीन वार मूवी किस पर बनायी गयी है- The Vaccine War Movie kis par banayi gayi hai
हम लोगों को इस बात का बिल्कुल ज्ञान नहीं है कि साइंटिस्ट कैसे आने वाली बीमारियों को समय से पहले भाप लेते हैं, कैसे किसी आपदा से लड़ने के लिए वह उसका तोड़ निकलते हैं या वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया किस प्रकार से होती है। साइंटिस्ट किस तरह के साइंटिफिक शब्द का प्रयोग करते हैं। किस तरह से प्रोसेसिंग होती है, यानी मैक्सिमम लोग इन सभी चीजों से अंजान होते हैं। लेकिन जब हम इस फिल्म को देखते हैं तो अंदर से इस पूरे प्रक्रिया को समझने की एक जिज्ञासा उत्पन्न होने लगती है। आम सिनेमा से अलग कुछ ऐसा जानने का मन करता है जो हमारे नॉलेज को बढ़ाने का काम करती है तो बिना सटीक रिसर्च के ही सब कुछ दिखाना पॉसिबल नहीं था।
फिल्म के स्क्रीनप्ले की बात करें तो एक ऐसी कहानी जिसे देखने में आम फिल्मों जैसा मजा नहीं आता। मजा समझते हैं ना यानी वल्गर साइंस चुम्मा चाती लार्जर थन लाइफ एक्शन सींस कान फाड़ दे बीएम वाला मजा शायद आपको ना मिले लेकिन उसके बावजूद फिल्म का स्क्रीन प्ले इतना कसा हुआ रहता है कि आगे क्या होगा वाले मोड में आप रहेंगे। जब साइंटिस्ट पर उनके के नाना पाटेकर फास्ट रिजल्ट्स के लिए अपने शब्दों और क्रिया का प्रयोग करते हैं तो फिल्म देखते हुए वह मानसिक दबाव दर्शन भी महसूस करते हैं क्योंकि उन सींस में एक्शन और डायलॉग का इस तरीके से मिश्रण किया गया है, कि वह काफी इफेक्टिव लगते है।
द् वैक्सीन वार मूवी कैरेक्टर्स- The Vaccine War Movie characters.
The Vaccine War Movie एक्टिंग पर चर्चा करें तो निसंदेह सबसे पहले नाना पाटेकर से शुरुआत करना चाहूंगा नाना पाटेकर के करियर ग्राफ पर हम नजर डालें तो बहुत सारी फिल्मों में हमें उनका अग्रेशन एक अलग रूप में देखने को मिलता है, या यू कहिए फिल्म में भी और रियल लाइफ में भी लोग उन्हें जिस तरीके से एक पल एक्टर की तरह देखते हैं वैसा ही पागलपन वह सभी फिल्मों में भी दिखाते हैं और द् वैक्सीन वार में भी वही पागलपन दिखाया गया है।
नाना पाटेकर की डायलॉग डिलीवरी के हम शुरू से कायल रहे हैं खासकर उनके मोनोलॉजिक्स या अग्रेशन से भरे डायलॉग लेकिन यहां नाना के दोनों रूप देखने को मिलते हैं जहां वह एग्रेसिव होकर अपना काम निकालना चाहते हैं वहीं कई बार उनके किरदार और संवादों में वह ठहराव नजर आता है, जिसे पर्दे पर इस प्रकार से उतार देना आसान काम नहीं रहता।
इनके अलावा पल्लवी जोशी जो फिर एक साइंटिस्ट थी बनी है उनके किरदार में भी कई तरह की सतह देखने को मिलती है फिल्म उनके किरदार में दो तरह की भावनाएं दिखाई गई है एक जो अपने सीनियर के रूड बिहेवियर से चेहरे पर आ जाती है, वह चाहे रिजाइन करने वाली बात पर गुस्से के रूप में हो या फिर चीज मन मुताबिक न होने पर कसमसाहट के रूप में हो। इस कैरेक्टर में अनेक को रंग है गुस्सा, प्यार, जेलर और एक समय पर कुछ कर गुजरने की चाबी इन सभी भावों के साथ पल्लवी जोशी अपने किरदार को जस्टिफाई करने में सफल रहती है।
फिल्म के एक और इंपॉर्टेंट कैरेक्टर को निभाया है राइमा सेन ने अगर मैं कहूं यह बेस्ट नहीं तो उनका वन ऑफ द बेस्ट परफॉर्मेंस तो जरूर है तो यह कतई गलत नहीं होगा। एक जर्नलिस्ट के किरदार में वह पूरी तरह से खुद को सरेंडर करती दिखती हैं। उनका सवाल पूछने का तरीका, उनके अन्दर पल रहे, षड़यंत्रों पर उनकी मुस्कान आदि उनके चरित्र का भली प्रकार से विश्लेषण कर जाती है।
बाकी के एक्टर्स में सप्तमी गौड़ा, अनुपम खेर, निवेदिता भट्टाचार्य, मोहन कपूर आदि सब अपने किरदार में अच्छे लगे हैं।
द् वैक्सीन वार मूवी कैसी है- The Vaccine War Movie kaise hai.
The Vaccine War फिल्म में कुछ टेंशन वाले सींस है, जिसमें लो एंगल में कैमरे को फॉलो करते हुए कैरेक्टर्स आगे बढ़ते हैं। लो एंगल शॉट कैरेक्टर्स को बड़ा दिखाने के लिए या यू कहिए ताकतवर दिखाने के लिए उसे किए जाते हैं और फिल्म में भी इन शॉर्ट का इस्तेमाल ऐसे ही मौके पर देखने को मिलता है जब या तोयह कैरेक्टर्स कुछ सफलता हासिल करते हैं या फिर कोई बड़ा डिसीजन लेने वाले होते हैं फिल्म में कोई गीत नहीं है लेकिन कोर्स में कुछ मित्रों का प्रयोग सीन को एक अलग नजरिए से दिखाने का काम करती है।
फिल्म में कुछ ऐसे टॉप एंगल शॉट देखने को मिलते हैं जो पांडेमिक के दौर वाले शहर को दिखाता है यानी सुनसान सड़के इत्यादि बातें इस फिल्म का निर्माण कोरोना और लॉकडाउन आदि के खत्म होने के बाद हुआ है।
द् वैक्सीन वार मूवी का डारेक्टर कौन है? The Vaccine War Movie ka director kaun hai.
The Vaccine War Movie डायरेक्शन पर बात की जाये तो विवेक अग्निहोत्री अपनी पिछली फिल्म द कश्मीर फाइल से एक एक्सपीरियंस और नॉलेज डायरेक्टर के तौर पर अपनी पहचान बन चुके हैं।
द् वैक्सीन वार (The Vaccine War Movie) में जिस गहराई में वायरस पर बातें होती हैं जिस गहराई में जाकर दुनिया में हमारे वैक्सीन पर प्रतिक्रिया दिखाई गई है। मीडिया और सोशल मीडिया का प्रभाव दिखाया गया है। उन चीजों को सबूत के साथ फिल्में दिखाना आसान नहीं रहा होगा।
सबसे खास बात की इस फिल्म में उन प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए हैं जो वैक्सीन का विरोध करने वालों के मन में हमेशा से बना रहा था या फिर आम जनता के मन में भी रहा था, जैसे कि हमने दूसरे देशों से वैक्सीन क्यों नहीं खरीदी इत्यादि।
तो इसे आप एक तरफ बनी फिल्म नहीं कह सकते हैं टेक्निकल भी अगर देखे तो जिस तरीके से फिल्म को एग्जीक्यूट किया गया है जिस तरीके से एक लाइन की बहुत आम सी कहानी को अपने तरीके से मनोरंजन बनाकर पर्दे पर उतारा है, वह प्रशंसनीय है।