एंगलरफिश (Anglerfish) एक प्रकार की समुद्री मछली है जो अपने अनोखे शिकार करने के तरीके के लिए जानी जाती है। यह मछली ज्यादातर गहरे समुद्रों में पाई जाती है। जहां रोशनी की कमी होती है। एंगलर फिश का एक खास अंग है, जिसे “ल्यूअर“ कहा जाता है, जो उसकी शिकार पकड़ने के तरीके को खास बनाता है। (नोटः ल्यूअर का मतलब सिर पर लगी लाइट होता है जिससे प्रकाश निकालता है।)
एंगलरफिश के बारे में
एंगलरफिश एक विचित्र और रहस्यमयी समुद्री जीव यानी मछली है, जो मुख्य रूप से गहरे समुद्र में पायी जाती है। इसका नाम इसके शरीर से बाहर निकलने वाली “लाइट“ (प्रकाश) देने वाली अंगुली के कारण पड़ा है, जिसका उपयोग यह शिकार को आकर्षित करने के लिए करती है। आइए, इस अद्भुत जीव के बारे में विस्तार से जानें:-

एंगलर फिश क्या होती है ?
एंगलर फिश का शरीर अजीब और विचित्र रूप में होता है। इसके सिर के ऊपर एक विशेष संरचना होती है, जिसे “ल्यूरे“ कहा जाता है। यह ल्यूरे एक फ्लेशी और लाइट-प्रोड्यूसिंग अंग होता है, जिसे समुद्र में शिकार आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस ल्यूरे में बैक्टीरिया होते हैं, जो प्रकाश उत्पन्न करते हैं, जिसे बायोल्यूमिनसेंस कहा जाता है।
एंगलरफिश की त्वचा मोटी होती है, और इनके शरीर में बड़े-बड़े, नुकीले दांत होते हैं, जो इनकी शिकार पकड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं। यह मछली आमतौर पर छोटी होती है, लेकिन कुछ प्रजातियाँ बड़ी भी हो सकती हैं।
एंगलर फिश कहां पायी जाती है?
एंगलर फिश समुद्र की गहरी और अंधेरी जगहों में पाई जाती है, जहाँ सूर्य का प्रकाश नहीं पहुँचता। यह मछली घने पानी में रहने की आदत डाल चुकी है, इसलिए उसके पास खुद को शिकार करने और बचने के लिए विशेष तरीके हैं। ये मछलियाँ 200 से 2000 फीट (60 से 600 मीटर) गहरे पानी में रहती हैं। कुछ प्रजातियाँ और भी गहरे पानी में, 5000 फीट (1500 मीटर) से भी नीचे, पाई जाती हैं।

शिकार (hunting) कैसे करती है?
शिकार करने के लिए अपने ल्यूरे अर्थात सिर में लगी लाइट का उपयोग करती है। वे अपनी चमकदार लाइट के द्वारा छोटी मछलियों और अन्य समुद्री जीवों को आकर्षित करती हैं। जब शिकार पास आता है, तो वे अपनी तेज़ और चौड़ी मुंह वाली जबड़े के जरिए उसे पकड़ लेती हैं। एंगलरफिश के पास अत्यधिक बड़ा और खिंचाव करने वाला मुंह होता है, जो इसे बड़ा शिकार निगलने की अनुमति देता है, जो इसके आकार से कहीं बड़ा हो सकता है।
एंगलर फिश क्या खाती है?
एंगलर फिश मांसाहारी होती है और छोटी मछलियाँ, क्रस्टेशियंस (जैसे झींगे) और अन्य छोटे समुद्री जीवों का शिकार करती है।
प्रजनन (Reproduction) कैसे करती है?
एंगलरफिश की प्रजनन प्रक्रिया भी काफी दिलचस्प और अनोखी होती है। कुछ प्रजातियों में नर फिष और मादा फिष के बीच एक अजीब संबंध होता है। नर फिष, मादा फिष से बहुत छोटे होते हैं, और वे मादा फिष के शरीर से जुड़ जाते हैं। एक बार जब नर फिष, मादा से जुड़ता है, तो उसका शरीर मादा फिष के शरीर में मिल जाता है और वह हमेशा के लिए मादा फिष के साथ जुड़ा रहता है, ताकि वह प्रजनन के लिए शुक्राणु प्रदान कर सके। इस प्रक्रिया को “पैरा-लैट्रियल फ्यूजन“ कहा जाता है, जिसमें नर मछली अपनी पूरी जिंदगी मादा के साथ जुड़ी रहती है।

कितने प्रकार की होती हैं?
एंगलरफिश की कई प्रजातियाँ हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं-
ब्लैक डेविल एंगलरफिशः यह सबसे प्रसिद्ध एंगलरफिश प्रजातियों में से एक है, जो अपने बड़े काले शरीर और ल्यूरे के लिए जानी जाती है।
दीप-सी एंगलरफिशः यह प्रजाति गहरे समुद्र में पाई जाती है और अपने बड़े, चमकदार अंग के लिए प्रसिद्ध है।
इतनी खास क्यों है?
बायोल्यूमिनसेंस : एंगलरफिश का सबसे विचित्र और विशेष गुण उसकी बायोल्यूमिनसेंस होती है। इसके ल्यूरे में बायोल्यूमिनसेंट बैक्टीरिया होते हैं, जो रात के अंधेरे में इसे चमकने में मदद करते हैं। यह चमक शिकार को आकर्षित करने के काम आती है।
शिकार पकडने का तरीकाः जब शिकार ल्यूअर की ओर आकर्षित होकर पास आता है, तो एंगलरफिश उसे अपनी तेज़ दांतों वाली बड़ी मुँह से पकड़ लेती है। इसका मुँह बहुत बड़ा होता है, जिससे वह शिकार को पूरी तरह निगलने में सक्षम होती है। भले ही शिकार इनसे बड़ा क्यों न हो।
मोटी त्वचाः एंगलरफिश की त्वचा मोटी और चिकनी होती है, जो गहरे समुद्र में दबाव और ठंड के माहौल से बचाने में मदद करती है।