क्या आपको पता है कि हम इंसानों दुनिया की सबसे महंगी चीज जो बनायी वह इस धरती पर है ही नहीं। वह तो इस वक्त धरती के चारों ओर चक्कर काट रही है जिसका नाम है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (international space station).
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है? ( ISS Kya Hai )
ISS एक प्रकार का वैज्ञानिकों का घर या प्रयोगशाला है जो धरती से लगभग 410 किलोमीटर ऊपर धरती से ऑर्बिट में धरती का ही चक्कर लगाता रहता है। यहां पर कई देशों के वैज्ञानिक रहते हैं जो अंतरिक्ष में नये नये प्लानेट व अंतरिक्ष में और क्या क्या है उसकी खोज करते रहते हैं। इसको बनाने में बहुत ज्यादा खर्चा आया था। जो कि मैंने नीचे बता रखा है। इसमें चाइना देश शामिल नहीं है क्योंकि उसका एक अलग स्पेस स्टेशन है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कब लांच हुआ (ISS Kab Launch Hua)
ISS यानि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जिसको 20 नवंबर 1998 को लांच किया गया था और कमाल की बात यह कि इसके हिस्सों को 136 फ्लाइट के जरिये भेजा गया था एक साथ नहीं भेजा गया क्योंकि बहुत ज्यादा भारी था इसके जो अलग-अलग पार्ट से 136 पार्ट से उनको स्पेस में ही अंतरिक्ष में ही साइंटिस्ट ने जोड़ा था और फिर तैयार किया था इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन। जिसका वजन है 4,20,000 किलोग्राम आप सोचते कितनी भारी चीज को भेजने के लिये 136 फ्लाइट लगी थी और 136 फ्लाइट में जब ये हिस्से गये थे तो इनको जोड़ा गया था। यह अंतरिक्ष में हम इंसानों के द्वारा भेजी गई सबसे भारी वस्तु है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कहां है? ( ISS kaha par hai )
ISS यानि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी से लगभग 410 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी के ऑर्बिट में पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है। एक प्रकार से आप इसके घर की तरह ही मान सकते हैं जो पृथ्वी से 410 किलोमीटर ऊपर है जहां पर कई देशों के वैज्ञानिक रहते हैं और नई नई अंतरिक्ष की खोज करते हैं।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कीमत क्या है (ISS kimat kya hai)
ISS यानि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन इसकी कीमत करीब 150 बिलियन डॉलर यानी कि 15000 करोड डॉलर है अगर आप इसे रुपये में कन्वर्ट करते हैं तो केलकुलेटर छोटा पड़ जाएगा डिजिट जो है खत्म हो जायेगीं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जो है दुनिया की सबसे महंगी चीज है। हालाकि धरती पर नहीं बल्कि धरती के ऑर्बिट के चक्कर काट रही है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की जो रहस्य है जो बातें हैं वह मैं आपको बताने का प्रयास करता हूँ।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कितना बड़ा है? (ISS kitna bada hai )
ISS यानि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की लंबाई 356 फीट (109 मीटर) और चौड़ाई 75 मीटर है। इसमें 6 वेडरूम से ज्यादा रहने के लिये जगह है इसके जिम के लिये भी जगह है। आप को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज भी करते रहते इसलिए जिम जो इसमें बनाई गई है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कितने देश शामिल हैं? (ISS me kitne desh shamil hai )
ISS यानि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में अब तक 15 देशों के 200 से ज्यादा साइंटिस्ट जा चुके हैं और हमारे भारत की इंडियन ओरिजन की कल्पना चावला व सुनीता विलियम्स भी इस पर जो सर्च वह कर चुकी हैं। आईएसएस जिसमें अमेरिका, रूसी संघ, कनाड़ा, जापान, यूरोपीय एजेंसी के 11 देशो ने अपनी तरफ से फण्ड दिया।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन मेंटेन का खर्चा (ISS maintain expenses )
अब सोच रहें होगें कि आईएसएस को मेंटेन करने में कितना खर्च आता है कैसे मेंटेन करना पड़ता है या फिर एक बार खर्चा कर उसके बाद भूल जाओ, ऐसा नहीं है आपको बता दें कि नासा हर साल 400 करोड डॉलर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को मेंटेन करने में खर्च करता है और इसका पूरा सिस्टम सेटअप करना इतना मुश्किल था कि जब से शुरुआत में जब से बनाया जा रहा था तो किसी एक देश के बस की बात नहीं की इसके लिये बहुत सारे देशों ने मिलकर के योगदान दिया व फंड दिया तब जाकर के आईएसएस यानि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन बनकर तैयार हुआ। इतना महंगा होने का कारण है इसके अंदर जो आधुनिक सुविधाएं हैं।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कौन रहता है (ISS me kaun rahta hai)
ISS को 20 नवंबर 1990, में लॉन्च हो गया था जिसे मैंने बताया, लेकिन नवंबर 2000 में फाइनली शुरू हुआ था यहां पर काम करना शुरू किया था इसमें अलग-अलग देशों के वैज्ञानिक (एस्ट्रोनॉट्स) रहते हैं जो कि स्पेस से लेकर के जो जो बाकी के प्लानेट हैं उन पर स्टडी करते हैं और नासा के हिसाब से यह जो स्पेस स्टेशन है अंतरिक्ष में 410 किलोमीटर ऊपर है जो पृथ्वी ऑर्बिट में चक्कर या परिक्रमा लगा रहा है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कैसे काम करता है? (ISS kaise kam karta hai )
ISS में वैज्ञानिकों के द्वारा नवंबर 2000 से काम करना शुरू हुआ था। इसमें अलग-अलग देशों के वैज्ञानिक रहते हैं और अंतरिक्ष व दूसरे प्लानेट का अध्ययन करते हैं और कुछ महीनों पहले जो वैज्ञानिक हैं आईएसएस से ग्रुप में बाहर निकल करके यानि स्टेशन के बाहर आकर के स्पेसवॉक की थी और जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के सोलर पैनल को अपग्रेड किया था।
कितने स्पेस स्टेशन है? ( Kitne Space Station hai )
अगर आप यह सोच रहे है कि क्या एक ही स्पेस स्टेशन है जो धरती के ऊपर चक्कर लगा रहा है तो आप गलत हैं? आपको बता दें कि ऐसा नहीं है, चाइना ने अपना खुद का स्पेस स्टेशन लांच कर दिया है।
यूएसए की लीडरशिप वाला जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन है उसको टक्कर देने के लिए खुद के स्पेस स्टेशन को चाइना ने स्थापित कर दिया है। यह टी आकार वाला है। इसका नाम है टियांगोंग। यह स्टेशन 2021 में 29 अप्रैल को लांच किया गया था और इस वक्त जो चाइनीस वैज्ञानिक हैं वह अपने स्टेशन में मौजूद है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कब तक रहेगा? ( ISS Space me kab tak rahega )
ISS जिसको साल 1998 में लांच किया गया और 2000 में फाइनल काम करना शुरू हुआ था ऐसा कहा गया था कि 2011 तक इसको रिटायर कर दिया जाएगा फिर कहा गया कि 2020 तक रिटायर कर दिया जायेगा, फिर फरवरी 2022 में कहा गया कि 2031 में रिटायर किया जायेगा। और जब इससे गिराया जाएगा पेसिफिक ओशन में प्रशांत महासागर में जहां पर पहले भी कई सारे सेटेलाइट जिनको की रिटायर किया गया उनको वहां सक्सेसफुली गिरा दिया गया था। फिलहाल अभी तक सबकुछ सही काम चल रहा है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की रोचक बातें (ISS ki rochak baten)
ISS इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जो पत्तेदार सब्जियां हैं उसको भी उगाया जा चुका है और आपको जानकर हैरानी होगी कि वहां पर जो साइंटिस्ट खा भी रहे हैं और धरती के लिये भी रख लिया ताकि बाद में धरती पर उसके बारे में रिसर्च हो सके।
ISS में नासा ने 4 महीने में एक अनोखे मिर्ची के पौधे को उगाया था। और जब मिर्च बड़ी हो गई थी तो वैज्ञानिकों ने इसका इस्तेमाल भी किया था।
ISS से सभी वैज्ञानिक अपने घरों पर भी अपनी फैमिली से बात कर लेते हैं। वेसिकली यह एक अलग दुनिया है जो धरती से 410 किलोमीटर ऊपर धरती के लगातार चक्कर लगा रहा है।